नमस्कार! मैं मीना हूं और यह कहानी मेरी है। मेरी शादी के बाद, मैंने खुद को एक वर्किंग वुमन के रूप में कई जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाते हुए पाया। लेकिन मेरी सबसे बड़ी चुनौती थी – अपनी सास के साथ रिश्ते की शुरुआत। मुझे लगता था कि हमारी सोच और नजरिए में बहुत फर्क था, लेकिन समय के साथ मैंने जाना कि रिश्ते तभी मजबूत होते हैं जब हम एक-दूसरे को समझने का मौका देते हैं। मेरी यह यात्रा शायद आप सभी के लिए भी कुछ सीख देने वाली हो।
मेरी शादी के बाद, मैं और मेरे पति एक छोटे से शहर में आकर रहने लगे। मैं एक वर्किंग वुमन थी और दिनभर की भागदौड़ के बाद घर लौटना मेरे लिए चुनौतीपूर्ण होता था। इस बदलाव के साथ एक और चुनौती थी – मेरी सास के साथ रिश्ते की शुरुआत।
मेरी सास का पारंपरिक नजरिया था। वह पूरी तरह से घर के कामों और परिवार की देखभाल में विश्वास रखती थीं, और उनके लिए एक बहू का पहला कर्तव्य घर और परिवार के प्रति समर्पण था। मुझे यह सब समझने में समय लगा क्योंकि मैं एक वर्किंग वुमन थी, मेरी दिनचर्या काफी अलग थी। मुझे लगता था कि वह मुझे सही तरीके से नहीं समझतीं, और मेरी महत्वाकांक्षाएं उनके नजरिए से बहुत अलग थीं।
Do you also have a parenting story/experience like this? I'd love to hear about it & feature on Momyhood. Send us a message on Instagram. And don't forget to follow our Facebook page for more parenting tips and inspiration!
शुरुआत में, वह अक्सर मुझसे पूछतीं, “तुम दिनभर काम करती हो, घर का काम कौन करेगा?” मुझे लगता था कि वह मेरी ज़िंदगी के संतुलन को नहीं समझ पातीं। उनका यह सवाल मुझे परेशान करता था, क्योंकि मैं अपनी नौकरी को लेकर बहुत गंभीर थी, और घर का काम भी संभालने की कोशिश करती थी। मुझे लगता था कि वे मुझे एक आदर्श बहू के रूप में देखना चाहती थीं, जो हमेशा घर में ही व्यस्त रहे।
कुछ समय तक तो हमारी बातचीत बहुत औपचारिक होती रही, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि यह स्थिति सिर्फ मेरी सास की सोच की वजह से नहीं, बल्कि मेरे और उनके बीच के कम्युनिकेशन गैप की वजह से थी। मुझे समझ में आया कि सास और बहू के रिश्ते में विश्वास और समझ दोनों की जरूरत होती है, और यह दोनों ही समय के साथ बनते हैं।
फिर एक दिन, जब मैं अपने ऑफिस से घर लौट रही थी, मैंने अपनी सास को बगीचे में अकेले बैठे देखा। वह कुछ सोच रही थीं। मैंने धीरे से पास जाकर पूछा, “आप ठीक हैं, मम्मी?” उन्होंने मुझसे नजरें मिलाई और कहा, “हां, बस सोच रही थी कि तुम इतनी मेहनत करती हो, कभी खुद के लिए वक्त निकालती हो या नहीं?” उस पल मुझे महसूस हुआ कि शायद वे मेरी स्थिति को समझने की कोशिश कर रही थीं।
Join our exclusive Parenting & Beyond facebook group for expert tips, heartfelt stories, and a supportive parenting community!
इसके बाद, मैंने धीरे-धीरे अपने काम और परिवार के बीच संतुलन बनाने के बारे में उन्हें बताया। मैंने यह भी समझाया कि कैसे मेरे लिए काम करना मेरी पहचान का हिस्सा है, और इसका मतलब यह नहीं है कि मैं घर की जिम्मेदारियों से बच रही हूं। इस बातचीत के बाद, मेरी सास ने मुझसे कहा, “तुम सही हो, मुझे लगता था कि एक बहू को सिर्फ घर की देखभाल करनी चाहिए, लेकिन अब मुझे समझ में आया कि तुम्हारे लिए यह जरूरी है कि तुम अपने लिए भी समय निकाल सको।”
उस दिन के बाद से, मेरी सास ने मुझे पूरी तरह से समझने की कोशिश की। उन्होंने मेरे साथ मिलकर घर के कामों को साझा करना शुरू किया। कभी-कभी, जब मैं ऑफिस से थकी-थकी लौटती, तो वह मुझे आराम करने के लिए कहतीं, और खुद घर के छोटे-मोटे काम निपटातीं। उन्होंने खुद को बदलने का प्रयास किया, और मुझे यह महसूस होने लगा कि हम दोनों के रिश्ते में अब एक नई समझदारी और अपनापन आ गया था।
अब हमारी बातचीत और कामकाजी दिनचर्या बहुत आसान हो गई है। मेरी सास ने मुझे कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि मैं उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही। उनका प्यार और समर्थन मेरे लिए बहुत मायने रखते हैं। आज, मैं जानती हूं कि एक सास और बहू के रिश्ते में समय लगता है, लेकिन अगर हम एक-दूसरे को समझने का मौका दें, तो यही रिश्ता बहुत मजबूत और सुंदर बन सकता है।
यह अनुभव मुझे सिखाता है कि हमें सिर्फ अपनी सास से नहीं, बल्कि खुद से भी बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए। रिश्ते हमेशा चुनौतीपूर्ण होते हैं, लेकिन समझदारी और समय के साथ वे और मजबूत हो सकते हैं।
क्या आपने भी अपनी सास के साथ रिश्ते को लेकर किसी चुनौती का सामना किया है? अपनी कहानी Momyhood के साथ साझा करें और हमें बताएं कि आपने इसे कैसे संभाला। हम आपकी प्रेरणादायक कहानियों को सुनने के लिए उत्साहित हैं! अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई हो, तो इसे शेयर करें और दूसरों को भी प्रेरित करें।
Your comments and shares do more than just support our blog—they uplift the amazing moms who share their stories here. Please scroll down to the end of the page to leave your thoughts, and use the buttons just below this line to share. Your support makes a big difference!