आजकल कोई भी Joint Family में रहना पसंद नहीं करता है । और जब पति-पत्नी अकेले रहते हैं और बच्चे को संभालने की बारी आती है तब वह अपनी इस जिम्मेदारी को कहीं ना कहीं नहीं निभा पाते हैं । घर में बड़ों के ना होने की वजह से वह काम के चलते दिन भर अपने बच्चे पर ध्यान नहीं दे पाते हैं । इसलिए भी वह अपने बच्चे को मोबाइल और टीवी की आदत से नहीं बचा पाते हैं । अगर आप भी अपने बच्चों के लिए फोन और टेलीविजन को सीमित करना चाहते हैं तो उसके लिए आप भी ये कुछ उपाय अपना सकते हैं ।
क्या आपका बच्चा भी दिन-रात खाते-पीते बस दिन भर mobile और tv के पीछे लगा रहता हैं ? उसकी दिनभर की दिनचर्या सिर्फ टीवी के इर्द गिर्द घूमती है , क्या वह मोबाइल नहीं मिलने पर चिड़चिड़ा हो जाता है ? क्या बिना टीवी और मोबाइल के वह खाना नहीं खाता है ? क्या वह पढ़ने की बजाए दिन भर मोबाइल में गेम खेलता है ?
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अपनाएं ये उपाय
वैसे शास्त्रों में और पुराण काल से यही माना जाता है कि एक बच्चे का गर्भ संस्कार उसकी माँ की कोख से ही हो जाता है । तो आपका बच्चा किस तरह से व्यवहार करता है उसका सीधा संबंध उसकी माँ से है । गर्भ में जब बच्चा होता है तो उसकी माँ जैसा देखती है , जैसा खाती है , जैसा व्यवहार करती है , वैसा ही व्यवहार और आचरण एक बच्चा सीखता है । सब इस बात से सहमत भी नहीं होते हैं । लेकिन अगर आपने अपने प्रेगनेंसी पीरियड में मोबाइल और धारावाहिक देखने के लिए टीवी ज्यादा इस्तेमाल की हो तो कोई बात नहीं लेकिन अभी अपने बच्चे के अच्छे के लिए इन बातों का जरूर ध्यान रखें ।
अपने काम और स्वार्थ के लिए बच्चों को मोबाइल की लत ना लगाएं
घर पर जब छोटे बच्चे परेशान करते हैं और काम नही करने देते है । और जब पति और पत्नी दोनों ही job के लिए जाते हैं तो घर आने के बाद अपने काम के चलते अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं । उस वक्त जब वह परेशान करता है तो सामान्यतौर पर पैरंट्स उन्हें टीवी के सामने बैठा देते हैं । या रोते हुए बच्चों को चुप कराने के लिए मोबाइल पकड़ा देते हैं। हालांकि ऐसा करना उनकी मानसिक सेहत के लिए सही नहीं है । आपका उस पर बच्चे को मोबाइल देना उसकी आदत बिगाड़ सकता है ।
जब आप सोचते हो की एक दो बार मोबाइल देखने से उसकी आदत नहीं बिगड़ेगी, तब आप यह नहीं सोचते की यह एक दो बार हर बार में बदलने में वक्त नहीं लगाता । बच्चों के लिए मोबाइल और टीवी की स्क्रीन बहुत ही नुकसानदायक होती है । इसलिए आप बच्चों को मोबाइल की गलत आदत ना लगवाए ।
टीवी और मोबाइल की जगह किताब पढ़ने को कहे
दिन भर मोबाइल और टीवी का इस्तेमाल करने से अच्छा है आपका बच्चा किताब पढ़े और कुछ नया सीखे । इसके लिए जरूरी है कि आप भी उसके साथ किताब पढ़े । क्योंकि बच्चा जैसा देखेगा वैसा ही सीखेगा उसे सही गलत का भान नहीं होता है । इसलिए उससे पढ़ने के लिए कहे और उसे किताब का महत्व समझाएं । उसे यह बताए की आगे चलकर यही उसके काम आएगी । जरूरी नहीं है कि एक किताब उसके पढ़ाई से संबंधित हो या धर्म से संबंधित हो । उसे वह किताब पढ़ने को दे जिसमें उसकी रुचि हो ।
अगर बच्चा दो-तीन साल का हो तो उसे गिनती, फल फ्रूट, ABCD ऐसी कुछ किताबें पढ़ा सकती है और अलग-अलग जानवरों के चित्र वाली किताबें भी बता सकती हैं । यहाँ पढ़िए, बच्चों का गुस्सा शांत करने के कुछ आसान टिप्स l
उनको अलग-अलग एक्टिविटी और गेम के बारे में बताएं
बच्चा तो गीली मिट्टी जैसा होता है उसे जिस रूप में आप ढालना चाहते हो ढाल सकते हो । इसलिए उसे छोटे से ही अच्छी अच्छी आदतें सिखाएं । उन्हें अलग-अलग एक्टिविटी और गेम्स के बारे में बताएं । उनके साथ खेले, समय व्यतीत करें और अपने बचपन के खेलों के बारे में बताएं । उनके साथ बैट बॉल खेले, खिलौनों से खेलें, या फिर उनको बाहर टहलने के लिए ले जाए । आप मोबाइल के अलावा बहुत सी चीजों के साथ अपने बच्चे को बड़ा कर सकते हैं । मोबाइल से बच्चों की आंखें और उनका माइंड खराब होगा, जबकि एक्टिविटी और गेम से वह और एक्टिव और खुशमिज़ाज बनेगा । इसलिए बच्चों के लिए फोन का इस्तिमाल कम से कम करे।
मोबाइल चलाने और टीवी देखने का समय निर्धारित करें ।
जो बच्चा दिन भर टीवी और मोबाइल देखता है जिसका पूरा दिन इसी के आसपास गुज़रता है । उससे एक पल में एक ही बार में आप मोबाइल और टीवी नहीं छुड़वा सकते हो । इसलिए उन्हें समझाए और उन्हें जो भी सीरियल या गेम पसंद है उसके लिए दिन भर में एक निर्धारित समय तय कर ले ।और यह भी तय कर ले की दिन भर में वह कितना वक़्त टीवी और मोबाइल को देगा । इससे बच्चा ना ही आपसे नाराज होगा ना ही चिड़चिड़ा होगा । और धीरे-धीरे करके मोबाइल और टीवी की लत कम होती जाएगी ।
अपने बच्चे को लेकर थोड़ा स्ट्रिक्ट हो जाए
हर बार अपने बच्चे की जिद्द पूरा करना भी अच्छी बात नहीं है । कभी-कभी उन्हें सही राह पर लाने के लिए थोड़ा स्ट्रिक्ट होना पड़ता है । इसलिए कभी-कभी आप भी अपने बच्चे के साथ थोड़ी सख्ती बरते , फिर थोड़े समय मे अपने बच्चे को मना भी ले । लेकिन यह बात भी समझ ले कि बच्चे के लिए टीवी और मोबाइल खतरनाक साबित हो सकते हैं । उनसे निकलने वाली किरणे उनकी आंखों के लिए नुकसान दाई हो सकती है । लगभग 18 वर्ष की उम्र तक बच्चों की आंखों में और दिमाग में विकास होता है । इसलिए बच्चों के लिए फोन का इस्तिमाल सही नहीं है। तो हो सके तब तक अपने बच्चे को टीवी और मोबाइल से दूर ही रखें । और कम उम्र में उनके चश्मा आने से बचाए l
इन उपायों से आप अपने बच्चे के साथ समय भी बिता सकोगे औऱ उन्हें tv और मोबाइल से भी दूर रख पाओगे । यहाँ पढ़िए, बच्चों की याद्दाश्त को कमजोर कर रही है डेली यूज होने वाली ये चीज, अभी दूर नहीं की ते बहुत पछताएंगे l
Note – mobile औऱ tv का ज्यादा use करने का सारा दोष अपने बच्चे पर ना डाले । एक बार ख़ुद के अंदर झाँक कर देख ले कि उन्हें इसकी आदत किसने लगाई । थोड़ा अपने बच्चे को समझाए औऱ ज्यादा आप समझे । ख़ास कर के 5 साल से कम उम्र के बच्चों को tv और मोबाइल से दूर रखें ।
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