रिश्ते में प्यार और समझ की नई शुरुआत
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शादी में प्यार कैसे वापस लाएं: मेरा अनुभव और कुछ काम की सलाह

मेरी शादी को छह साल हो चुके थे और हमारे पास एक प्यारी सी बेटी थी, जो अब एक साल से थोड़ा ज्यादा की हो चुकी थी। हालांकि सब कुछ बाहरी तौर पर ठीक लग रहा था, अंदर से मैं काफी परेशान थी। मेरी शादी में जो खुशियाँ और प्यार कभी हुआ करते थे, वह अब नदारद थे। घर में और शादी में कुछ भी सही नहीं लगता था। मुझे खुद को अपनी शादी में प्यार महसूस नहीं हो रहा था। ऐसा महसूस हो रहा था कि मैंने अपने पति के साथ रिश्ते में अपनी पहचान खो दी है।

वह दिन मुझे अच्छे से याद है, जब एक दिन मैंने खुद से यह सवाल पूछा, “क्या हो रहा है मेरी शादी में? क्या यही मेरी शादी का सच है?” क्योंकि मेरे पति हमेशा मुझसे गुस्से में रहते थे और मुझसे सिर्फ शिकायतें ही करते थे। दिनभर मैं बच्चे की देखभाल में व्यस्त रहती थी, लेकिन जब वह शाम को ऑफिस से लौटते तो घर में बस एक ही बात होती—क्या तुमने यह किया? क्या तुमने वह किया? जब भी मैंने कुछ किया, तो उनकी प्रतिक्रिया हमेशा नकारात्मक होती। यह स्थिति मुझे बहुत थका देने वाली लग रही थी और मुझे महसूस हो रहा था कि मैं सिर्फ एक जिम्मेदारी बन कर रह गई हूं, एक बोझ बन कर। मेरे पति से प्यार की तलाश में मैं अपनी ही पहचान खोने लगी थी।

जब यह स्थिति और बिगड़ी तो मुझे लगा कि अब कुछ करना चाहिए। मैंने खुद से यह सवाल पूछा, “क्या मैं कुछ कर सकती हूं ताकि इस हालात से बाहर निकल सकूं?” क्या मैं केवल इन भावनाओं को सहन करती रहूँगी, या मुझे अपने रिश्ते में कुछ बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए? यह सवाल मेरे मन में बार-बार आता था। इसके बाद मैंने महसूस किया कि अगर मुझे कुछ बदलना है तो मुझे सबसे पहले खुद से शुरू करना होगा। अपनी मानसिकता को बदलना, खुद को समय देना, और अपने रिश्ते को समझने की कोशिश करना, यही मेरे लिए पहला कदम था।

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शुरुआत में, मैंने सोचा कि मुझे खुद को सबसे पहले बेहतर तरीके से समझना चाहिए। मैं जिस स्थिति में थी, उसे स्वीकार करना और खुद को ये समझाना कि यह स्थिति स्थायी नहीं हो सकती। फिर मैंने धीरे-धीरे खुद पर ध्यान देना शुरू किया। पहले कभी मैं खुद के लिए समय नहीं निकालती थी, लेकिन अब मैंने अपने लिए कुछ वक्त निकाला—चाहे वो म्यूजिक सुनना हो या हल्की-फुल्की सैर करना। यह बातें छोटी लग सकती हैं, लेकिन इनसे मुझे मानसिक शांति मिली और धीरे-धीरे मैं खुद को बेहतर महसूस करने लगी।

अब मैंने अपनी सोच को बदलने पर ध्यान दिया। मैंने हर सुबह अपने आप से पॉजिटिव बातें करनी शुरू की। “मैं प्यार करने और प्यार पाने के योग्य हूं”, “मैं खुद को सम्मान देती हूं”, “मेरे पास सभी मुश्किलों का हल है” जैसी बातें मैं अपने आप से कहने लगी। पहले मुझे यह विश्वास नहीं होता था, लेकिन जैसे-जैसे मैंने इसे दोहराया, मेरी सोच में बदलाव आने लगा। मेरी आत्म-विश्वास में इज़ाफा हुआ और धीरे-धीरे मुझे अपने रिश्ते में भी कुछ सकारात्मक बदलाव नजर आने लगे।

मेरे पति के साथ अपने रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए, मैंने उनसे धीरे-धीरे और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी भावनाओं को साझा करना शुरू किया। शुरू में वह उतने समझदार नहीं थे, लेकिन मैंने अपने दिल की बात बताने का तरीका बदल लिया। जब भी वह मुझसे गुस्से में होते, मैंने चुप रहकर यह सोचा कि क्या मुझे उस गुस्से का जवाब गुस्से से देना चाहिए? और धीरे-धीरे, मैंने खुद से यह सीखा कि जब आप शांत रहते हैं तो सामने वाला भी ज्यादा सहज होता है। मैंने अपनी भावनाओं को बिना किसी विवाद के साझा किया और उनसे यह कहा कि जब वह मुझसे शिकायत करते हैं, तो मुझे बहुत दुख होता है।

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यह बदलाव रातोंरात नहीं आया, लेकिन धीरे-धीरे सब कुछ बेहतर होने लगा। मेरे पति ने समझना शुरू किया और हमारी बातचीत में हलचल आने लगी। एक बात जो मैंने सीखी वह यह थी कि रिश्ते में प्यार सिर्फ एक दिन में नहीं आता। यह एक प्रक्रिया है, और इसे समय चाहिए। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप जब अपने लिए सही रास्ता चुनते हैं, तो सब कुछ अपने आप बदलने लगता है।

अपने आप को बेहतर बनाने के बाद, मैंने और भी छोटे बदलाव किए। मैंने यह समझा कि सिर्फ शिकायत करने से कुछ नहीं होगा, अगर मैं चाहती हूं कि मेरा पति मुझसे प्यार और सम्मान दिखाए तो मुझे पहले खुद को प्यार और सम्मान देना होगा। मैंने खुद से यह वादा किया कि मैं खुद को और अपने रिश्ते को सबसे पहले महत्व दूंगी, चाहे कुछ भी हो। मैंने ध्यान और योग को भी अपनी दिनचर्या में शामिल किया, जिससे मुझे शांति मिली और मैं अपने रिश्ते में सकारात्मक बदलाव महसूस करने लगी।

अब, जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो मुझे लगता है कि मैंने अपने रिश्ते को बचाने के लिए सही कदम उठाए। मैंने खुद से शुरुआत की, और धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगा। मुझे यह समझ में आ गया कि अपने रिश्ते में प्यार और सम्मान लाने के लिए सबसे पहले अपने आप से प्यार करना और अपनी सोच को बदलना जरूरी है। जब आप खुद को समझने लगते हैं, तो सब कुछ बदलने लगता है।

अगर आप भी किसी ऐसी स्थिति से गुजर रही हैं जहाँ आपको लगता है कि प्यार खत्म हो गया है या रिश्ते में समस्याएं हैं, तो मेरी यही सलाह है—पहले खुद पर ध्यान दें। खुद को समय दें, अपनी सोच को बदलें और सबसे महत्वपूर्ण बात, अपने रिश्ते में बदलाव लाने के लिए कदम उठाएं। मुश्किलें आती हैं, लेकिन हम उन मुश्किलों को अपनी सोच और नजरिये से बदल सकते हैं। सब कुछ ठीक हो सकता है, अगर आप खुद को और अपने रिश्ते को सही दिशा में ले जाएं।

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