Parenting Insights

छोटा सा प्रयास न कहना हक मेरा भी है।

 मां हैं तो भी न कहना सही है,

औरत हैं तो भी न करना गलत नहीं।

बेटी हूं पर वही बंद मुट्ठी लिए जन्मी हूं,

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बहन के रूप में भी बालिका मैं एक बालक ही हूं।

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बहु हूं तो चाहतीं समान मैं भी हूं,

दामाद के ससुराल सा ससुराल मेरा भी हो।

कभी मां के रूप में गलतियों का हक मेरा भी है,

सब कुछ नहीं और हमेशा सही नहीं हो सकती हूं मैं।

न कहने का मुझे भी हक दो जरा,

ननद, भाभी, जाने कितने जंजीरों में आज तक जकड़ी हूं।

नहीं चाहती मैं किसी का भगवान बनना,

मुझे भी मेरे हिस्से का आसमां चूमने दो जरा।

बचपन मेरा पिता के हिसाब से गुजरा,

जवानी दो परिवारों की लाज का हिसाब लगाने में गई,

बचपन में बड़ों ने कहा बड़े हो जाओ,

बड़े हुई तो बच्चे बोले, मां बीच में न आओ,

काश मां तुमने सबके आदर के साथ न कहना सिखाया होता,

आज मुझे तुम्हारी ही तरह अपना जीवन व्यर्थ न नजर आया होता।

जीती मैं खुल अपने लिए भी

अगर सही वक्त पर न का ठहाका मैने लगाया होता।

सबकी उम्मीदों को ढोते ढोते आज आलम ये है,

की मैं खुद से खुद को मिलने की कोशिश करती हूं।

न कहना अहम नहीं है मेरा,

काश सबको मेरा वजूद समझ आया होता।

आज की मेरी पीढ़ी को,

मेरी बिटिया को

न कहना सिखाऊंगी मैं,

मेरी मां की गलती नही दोहराऊंगी मैं।

मां हैं तो भी न कहना सही है,

औरत हैं तो भी न करना गलत नहीं है।

See also  The Power of Bedtime Conversations: How Talking with Hitarth Eases My Parenting Journey

ये ही मेरी उत्कृष्ट अभिलाषा है,

मेरी बेटी को मेरा वादा है,

वो नही दूसरो की उम्मीदों का बोझ ढोएगी,

न कहने की हिम्मत और जरूरत होती है

और ये हक है हर नारी का।

अगर हम गलत है तो ठीक है,

किसी दिन भूल गए जरूरी काम तो भी कोई नहीं बड़ी बात,

चुनौती का सामना करना बेशक जरूरी होता है,

पर कभी कभी टूट कर रोना भी सही है।

न कहने का मुझे भी हक दो जरा,

आज का आसमां न सही,

धरती पर ही जीने चैन से दो ना जरा।

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Ritu Goel

Hi, I'm Ritu Raj, and I've journeyed through life's ups and downs with resilience and determination. Growing up in a traditional middle-class family, I faced the pressures of societal norms and family expectations. Despite the challenges, I pursued my passion for education, even amidst early marriage and motherhood. Through it all, I refused to let circumstances define me. Today, I'm proud to be an educator, inspiring students locally and globally with my unwavering dedication. My story is proof that with perseverance and self-belief, we can overcome any obstacle and achieve our dreams.

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6 Comments

  1. Anita says:

    Har orat ki kahani kuchh lines me puri samet di apne. Beautiful very beautiful ❤️❤️, it’s heart touching

    1. Ritu says:

      Thank you 💟

  2. Kavita gupta says:

    Mirror picture of almost every girl. Well done…

  3. Ritu says:

    Thank you dear

  4. Hemani Mongia says:

    Kya khoob kaha hai.Har koi is thought se relate karta hai.Well said

  5. Thanks for sharing. I read many of your blog posts, cool, your blog is very good.

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